Sunday 7 July 2013

बड़े पर्दों के पीछे छोटे काम



राजनीति,सिनेमा या फिर बड़े औद्योगिक घराने, यहां के बड़े महलों की मजबूत दीवारों के पीछे कई कमज़ोर लोग अपनी ताकत अक्कर घर की औरतों पर दिखाते हैं पर वो चीखें, वो दर्द वहां की शानोशौकत के पर्दों के पीछे ही कहीं खो जाते है।

और जब कभी पर्दों के पीछे से झांकता सच दुनिया को नज़र आ जाता है तब भी लोग इसे समस्या नहीं च
टपटी गॉशिप मानते हैं और बड़े ही शान से खबरिया चैनलों के इंटरटेनमेंट शोज़ में मसाला परोसा जाता है। 

हाल ही में युक्ता मुखी ने मुंबई के अंबोली पुलिस थाने में रिपोर्ट लिखवाई अपने पति प्रिंस टुली के खिलाफ़। रिपोर्ट में युक्ता ने कहा कि उनका पति उनके साथ आए दिन मारपीट करता है और दहेज के लिए प्रताड़ित करता है। युक्ता मुखी ने पिछले साल जुलाई में भी इस तरह की शिकायत दर्ज कराई थी।

अगर आपको याद हो तो राहुल महाजन की पहली पत्नी श्वेता ने भी कुछ इस तरह की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद दोनों में तलाक हो गया। हालांकि तलाक के बाद राहुल ने बकायदा एक मनोरंजन चैनल पर स्वयंवर रचाकर डिंपी से शादी कर ली। शादी के बाद फिर से ख़बरे आई की डिंपी ने भी राहुल पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। लेकिन बाद में डिंपी खुद ही इस बात से मुकर गई।

सिर्फ राहुल महाजन या प्रिंस टुली ही क्यों बॉलीवुड स्टार सलमान खान पर भी इस तरह के आरोप लगते रहे हैं, और आरोप लगाने वाली उनकी साथी कलाकार रही हैं।

कई बार कई हसीन चेहरे अपनी चोटें और दर्द अपने मेकअप और अपनी मुस्कुराहट के पीछे छिपाए घूमते हैं, पर क्या ज़रूरत है कोई भी मुखौटा ओढ़ने की..अगर दर्द है तो क्यों नहीं चीखते वो..अगर ग़म है क्यों नहीं रोते..अगर कोई कोई हाथ उठाता है तो क्या नहीं पकड़ते..क्यों नहीं पलटकर करते वार।

कल की ही बात है मेरे घर पर काम करने वाली रेखा जब आई तो उसका चेहरा सूजा हुआ था लग रहा था रातभर रोती रही थी वो, चेहरे और हाथ पर कई चोटें भी थी। मैने पूछा तो बोली "दीदी सुरेश ने कल रात मारपीट की" (सुरेश उसके पति का नाम है)। मैनें भी छूटते ही उसे सलाह दे दी "पुलिस में शिकायत क्यों करती तुम अक्ल ठिकाने आ जाएगी उसकी"। "दीदी अक्ल तो ठिकाने आ गई है उसकी मैनें भी कल रात लट्ठ उठा ली थी..नशे में था इसलिए अपने को बचा भी नही पाया वो..हाथ पैर तोड़ कर रख दिए उसके मैंने अब ज़िंदगी भर मुझ पर हाथ उठाने से पहले सौ बार सोचेगा वो"।

उसकी हिम्मत देखकर मन को बहुत तसल्ली मिली थी। अक्सर लोग इन्हें छोटे लोग कहते है,  छोटे हैसियत से या काम से? ये आज तक पता नहीं चला मुझे पर ये "छोटे" लोग ही कभी कभी बड़ी सीख दे जाते हैं कुछ "बड़े" लोगों को।

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